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8 मार्च 2020 को महिलाओं की हड़ताल के लिए हमारी राजनीतिक सोच

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8 मार्च 2020 को महिलाओं की हड़ताल के लिए हमारी राजनीतिक सोच

September 20, 2019 | By admin
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हम, दुनिया भर के सहयोग से बने नारीवादी संगठन, 8 मार्च 2020 को एक महिला वैश्विक हड़ताल का आह्वान करते हैं। हम नारीवादी लोगों और उसके सहयोगियों से इस दिन काम (औपचारिक, अनौपचारिक और अवैतनिक) न करने की मांग करते हैं ताकि ये दिखा सकें कि इतिहास में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की जड़ें महिलाओं के एकजुट कार्यों की वजह से कितनी गहरी हैं, और दुनिया को दिखा दें, कि जब महिलाएं रुकती हैं, तो दुनिया रुक जाती है।

हमें ऐसा करने की आवश्यकता क्यों है?

क्योंकि 25 साल पहले सभी महिलाओं के लिए समानता, विकास और शांति को आगे बढ़ाने के लिए हमारी सरकारों द्वारा किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया। जबकि इस अवधि के दौरान धन में वृद्धि हुई है लेकिन कई परस्पर असमानताएं और अधिक गहरी हुई हैं [1]। क्योंकि वह धन उन महिलाओं द्वारा बनाया गया है जिन्हें उस धन में हिस्सा ही नहीं मिलता । हम एक आर्थिक परिवेश के अंदर रह रहे हैं जहां महिलाओं का शोषण हो रहा है । साथ ही कम वेतन और काम की अनिश्चित परिस्थितियों से उनका शोषण किया जा रहा है।

क्योंकि कुछ कंपनियों के लालच ने पर्यावरण को नष्ट कर दिया है, और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव भी महिलाओं द्वारा अधिक गहराई से महसूस किए जाते हैं। हमें विस्थापित होने की अधिक संभावना है [2], हमें पानी इकट्ठा करने के लिए दूरी तय करनी पड़ती है, हम पलायन करने के लिए मजबूर हैं, और हम बढ़ते समुद्र स्तर, बदलते तापमान और लगातार बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं के कारण बढ़ी हुई लवणता के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं [3]। अपनी सभी विविधताओं में महिलाएं दुनिया भर में सड़कों पर उतर रही हैं और कॉर्पोरेट शोषण को समाप्त करने और इस ग्रह के भविष्य की रक्षा के लिए अपना जीवन लगा रही हैं। हम सबसे बड़े अस्तित्व संबंधी जलवायु संकट का सामना कर रहे हैं क्योंकि नदियाँ सूख रहीं हैं, भूमि झुलस रही है,  महासागर बढ़ रहे हैं और जंगल गायब होते जा रहे हैं। जिस हवा से हम सांस लेते हैं, वह हमसे छिन रही है। महिलाएं पहले से अधिक कठिन लड़ाई लड़ रही हैं क्योंकि जलवायु न्याय एक नारीवादी मुद्दा है और अब कार्य करने का समय भी है।

क्योंकि दुनिया भर में, महिलाएं और लड़कियां कुल अवैतनिक देखभाल कार्य का तीन-चौथाई काम कर रही हैं। यह कार्य अभी भी बिना मान्यता के है और इसका मूल्यांकन नहीं किया गया है, हालांकि अर्थव्यवस्था इसके बिना काम नहीं करेगी। महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों की तुलना में अवैतनिक देखभाल कार्य में अधिक समय बिताती हैं, अमेरिका में 1.7 गुणा अधिक, तो अफ्रीका में 3.4 गुणा, एशिया में 4 गुना और अरब राज्यों में 4.7 गुना [4]। इसके अलावा, घरेलू काम आमतौर पर अवैतनिक होता है और अनिश्चित कामकाजी परिस्थितियों में किया जाता है।

कई देशों में आर्थिक लिंगभेद स्थिर है और कुछ के लिए यह वास्तव में बढ़ रहा  है। पुरुषों और महिलाओं में वैश्विक वेतन में अंतर को भरने में 202 साल लगेंगे [5]।

क्योंकि दुनिया भर में महिला मानवाधिकार रक्षक जो समुदायों के साथ-साथ दमनकारी सत्ता संरचनाओं को चुनौती देने के लिए काम कर रहें हैं, वे अधिकारों के विरुद्ध समूहों, राज्य के प्रभावशाली लोग, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और दुनिया भर के बहुराष्ट्रीय कॉर्पोरेशन्स से भय, यौन उत्पीड़न, हिंसा और दमन का सामना करती हैं। हम महिलाओं के नागरिक स्थान को घटते हुए देख रहे हैं जो अधिकारों की रक्षा के हमारे अधिकार को बाधित करता है।

क्योंकि महिलाओं का सामना अलग-अलग तरह की और आपस में जुड़ी हुई हिंसा और भेदभाव से होना जारी है जो कि उनकी उम्र, घरेलू और आपसी संबंधों की स्थिति, वर्ग या जातीयता, एचआईवी / एड्स की स्थिति, विकलांगता, प्रवासन स्थिति, सामाजिक व आर्थिक स्थिति, रोजगार, वास्तविक या कथित यौन अभिविन्यास, लिंग की पहचान और अभिव्यक्ति, और सेक्स अभिलक्षण जैसे कई आधारों पर।

  हम मानते हैं कि हमारी मांगें दुनिया भर में आम मांगें हैं:

हम एक ऐसा वैकल्पिक विकास मॉडल चाहते हैं जो इस धरती को और यहां के लोगों को केंद्र में रखे और मानव अधिकारों, खाद्य संप्रभुता और जलवायु के प्रति न्याय कर सके। हम सभी महिलाओं के लिए उम्दा काम और जीवन जीने के लिए अच्छे पैसे की मांग करते हैं। हम चाहते हैं कि उन कामों को भी स्वीकार किया जाए जिनके लिए हमें पैसे नहीं दिए जाते और उन कामों को कम किया जाए और बांटा भी जाए। हम चाहते हैं कि लिंग के आधार पर होने वाली हिंसा खत्म हो। हम कॉर्पोरेट जगत में होने वाली उत्पीड़न को खत्म करना चाहते हैं। हम संसाधनों, ताकतों और अवसरों तक अपनी बराबरी की मांग करते हैं। हम चाहते हैं कि हमारी आवाज़ सुनी जाए, समझी की जाए और उसकी रक्षा की जाए। हम, अभी, इसी वक्त से एक व्यवस्थित बदलाव चाहते हैं।

साल 2020 में हमारे उन वादों के 25 साल पूरे हो रहे हैं जो 1995 के चौथे विश्व सम्मेलन में किए गए थे, जिसे बीजिंग प्लैटफॉर्म फॉर ऐक्शन कहते हैं [6]। ये हमारे एक जुट होने का समय है। अलग-अलग पीढ़ियों, अलग अलग संघर्षों में ये एक साथ आने का समय है , एक-दूसरे के साथ एकजुटता में खड़े होने और दुनिया को एक ठहराव देने के लिए।

पूरे इतिहास में, परिवर्तन को प्रभावित करने के लिए आंदोलनों की शक्ति का उपयोग करने के लिए हड़ताल एक प्रभावी रणनीति रही है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, महिलाओं को सुंदर महसूस कराने के लिए एक व्यापारिक अभियान नहीं है। यह दिन है महिलाओं का अपने मानवाधिकारों और मूलभूत स्वतंत्रता की रक्षा के लिए उठने का, अपने जीवन को खतरे में डालने का और विरोध करने का। आइए हम उस इतिहास का सम्मान करें, उस दिन को फिर से हासिल करें और अपने मानवाधिकारों की मांग के लिए महिलाओं की सामूहिक शक्ति को पुनर्जीवित करें।


 [1] 1980 के बाद से 1% लोगों ने वैश्विक आय में हुई उतनी वृद्धि को दो बार प्राप्त किया जितना कि नीचे के 50% लोगों का होता है विश्व असमानता रिपोर्ट 2018.        https://wir2018.wid.world/files/download/wir-presentation.pdf के सौजन्य से

 [2] जलवायु परिवर्तन से विस्थापित हुए लोगों में 80% महिलाएं हैं

हैलटन, मार्क। बीबीसी (2018) जलवायु परिवर्तन 2018 पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है से लिया गया https://www.bbc.com/news/science-environment-43294221 के सौजन्य से

 [3] जलवायु परिवर्तन के नाम पर बहुत सारा पैसा फेंका जा रहा है, लेकिन इसमें से लगभग कोई भी शोध और सावर्जनिक स्थास्थ्य प्रभाव में नहीं जाता है…हर कोई पर्यावरणीय आपदाओं के बारे में सोच रहा है… कोई भी सार्वजनिक स्वास्थ्य के बारे में नहीं सोच रहा है।

बीबीसी (2018) कैसे जलवायु परिवर्तन बांग्लादेश में गर्भपात का कारण बन सकता है. https://www.bbc.com/news/world-asia-45715550 के सौजन्य से

[4] इंटरनैशनल लेबर ऑर्गनाइज़ेशन, आईएलओ (2018). उचित काम के भविष्य के लिए देखभाल कार्य और रोज़गार. गिनेब्रा : ओआईटी

[5] वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम. वैश्विक लिंग अंतर रिपोर्ट 2018. http://www3.weforum.org/docs/WEF_GGGR_2018.pdf के सौजन्य से

[6] महिलाओं के लिए चौथा विश्व सम्मेलन. http://www.un.org/womenwatch/daw/beijing/platform/ के सौजन्य से

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For press enquiries, get in touch with Neha Gupta at neha@apwld.org or Esther de la Rosa at communications@escr-net.org.

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8 Mar

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